दिल्ली की तस्वीर आज बदल रही है, तेज़ी से बदल रही है। पहले एक ऐतिहासिक शहर, अब आधुनिकता की दौड़ में दौड़ रहा है। ऊँचे-ऊँचे गगनचुंबी इमारतें, चमकते हुए मॉल, शानदार सड़कें, और भीड़-भाड़ से भरे हुए बाज़ार, यह सब बदलते दिल्ली का नज़ारा है। परंतु, इस बदलाव के साथ ही, हमारी संस्कृति, हमारा इतिहास, और हमारी परंपराएँ भी धीरे-धीरे पीछे छूट रही हैं। पुरानी दिल्ली की गलियाँ, हवेलियाँ, मस्जिदें, यह सब अब धीरे-धीरे अपनी पहचान खो रहे हैं। आधुनिकता के इस दौड़ में, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दिल्ली सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति का संग्रहालय भी है।