>> ZG·Lingua >  >> Linguistic Research >> Research Projects

Vigyan vardan aur abhishap par Hindi nibandh?

विज्ञान: वरदान या अभिशाप?

विज्ञान मानव सभ्यता का सबसे बड़ा आविष्कार है। इसके द्वारा हमने अनेक चमत्कार किए हैं और मानव जीवन को सहज और सुखद बनाया है। विज्ञान ने हमें बीमारियों से मुक्ति दिलाई है, दूरियों को कम किया है, संचार को आसान बनाया है और मानव जीवन के हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है। परन्तु, इसके साथ ही विज्ञान के कुछ अँधेरे पहलू भी सामने आ रहे हैं जो चिंता का विषय हैं।

विज्ञान ने हमें चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलताएँ दिलाई हैं। जीवन रक्षक दवाओं का आविष्कार, जटिल सर्जरी, नए-नए उपकरणों का निर्माण - ये सब विज्ञान के ही चमत्कार हैं। विज्ञान के द्वारा हमने खाद्य उत्पादन में भी वृद्धि की है और खेती को अधिक कुशल बनाया है। इसके द्वारा हमने प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने की शक्ति भी हासिल की है।

विज्ञान ने संचार और परिवहन को क्रांतिकारी रूप से बदल दिया है। मोबाइल फोन, इंटरनेट, विमान, रेलगाड़ी - इन सबने दुनिया को एक छोटा सा गाँव बना दिया है। विज्ञान के द्वारा हम सबसे दूर के व्यक्ति से भी सम्पर्क कर सकते हैं और हर खबर से वाकिफ रह सकते हैं।

परन्तु, विज्ञान का दुष्प्रभाव भी कम नहीं है। विज्ञान ने पर्यावरण को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया है। कारखानों से निकलने वाला धुआँ, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण - यह सब विज्ञान की देन है। विज्ञान ने हथियारों का विकास भी किया है जो मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है। परमाणु बम, बैलेस्टिक मिसाइल, और अन्य विनाशकारी हथियार मानव सभ्यता के लिए एक भयावह खतरा है।

विज्ञान का अभिशाप तो तब और भी बढ़ जाता है जब इसका प्रयोग असैद्धांतिक रूप से किया जाता है। क्लोनिंग और जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसी तकनीकों का दुरुपयोग मानव जीवन के लिए एक खतरा है। विज्ञान के द्वारा बने कुछ उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं।

विज्ञान एक शक्तिशाली औजार है। यह वरदान भी हो सकता है और अभिशाप भी। इसका प्रयोग कैसे करना है यह हमारे हाथ में है। हमें विज्ञान का नैतिक और जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करना चाहिए। विज्ञान के द्वारा हम अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं परन्तु हमें यह भी याद रखना चाहिए कि विज्ञान के बुरे नतीजों से भी सावधान रहना ज़रूरी है।

Copyright © www.zgghmh.com ZG·Lingua All rights reserved.