सरल शब्दों में, TDS का मतलब है कि किसी खास तरह की आय पर पहले ही टैक्स काट लिया जाता है, जैसे कि ब्याज, वेतन, रेंट, आदि। यह टैक्स सीधे आय के स्रोत से ही काट लिया जाता है और सीधे सरकार को भेज दिया जाता है। इस तरह से, टैक्स का भुगतान पूरी तरह से नहीं करना पड़ता और आय कर रिटर्न फाइल करते वक़्त टैक्स का भार भी कम होता है।
उदाहरण के लिए:
* अगर आपको बैंक से फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज मिल रहा है, तो बैंक उस ब्याज पर TDS काट लेगा और आपको बाकी ब्याज देगा।
* अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं, तो कंपनी आपके वेतन पर TDS काट लेगी और बाकी राशि आपको देगी।
TDS काटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं:
* TDS कटौती की सीमा आय के प्रकार पर निर्भर करती है।
* अगर आपकी आय TDS की सीमा से कम है, तो आपको TDS नहीं देना पड़ता।
* अगर आपकी आय TDS की सीमा से ज्यादा है, तो आपको TDS देना पड़ता है।
* TDS का भुगतान आप टैक्स रिटर्न फाइल करते वक़्त कर सकते हैं।
TDS का भुगतान करना जरूरी है, नहीं तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आप TDS के नियमों को समझते हैं और समय पर अपना TDS का भुगतान करते हैं।