बसंत ऋतु: रंगों का त्योहार, जीवन का उत्सव
बसंत ऋतु, प्रकृति का एक अद्भुत रूप, सर्दी की जकड़न से मुक्ति का प्रतीक है। शीत ऋतु की सफेद चादर धीरे-धीरे हटती है, और चारों ओर हरा रंग छा जाता है। पेड़-पौधों पर नई पत्तियां निकलती हैं, और फूलों का रंगीन समागम शुरू हो जाता है। बसंत ऋतु में प्रकृति जीवन से भरपूर होती है, जैसे कि एक नया जन्म हुआ हो।
बसंत ऋतु की शुरुआत फाल्गुन मास से होती है। इस समय हवा में एक नई ताजगी महसूस होती है, और सूरज की किरणें मुलायम और गर्म होती हैं। फूल खिलने लगते हैं, जैसे कि प्रकृति स्वयं अपनी सुंदरता का प्रदर्शन कर रही हो। पीले सरसों के खेत, लाल गुलाब के फूल, और नीले फूलों की सुगंध हवा में बहती है, और चारों ओर खुशियों का माहौल बन जाता है।
बसंत ऋतु में पक्षियों के चहचहाने की आवाज हवा में गूंजती है। वे अपने गानों से प्रकृति का स्वागत करते हैं और अपने नए घोंसले बनाते हैं। मधुमक्खियां फूलों से मधु एकत्रित करने में व्यस्त होती हैं, और पशु भी अपनी शक्ति और जोश से भरे हुए होते हैं।
बसंत ऋतु भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। यह उत्सव, खुशियों और नए आशाओं का समय है। होली, बसंत ऋतु का प्रमुख त्योहार, रंगों का त्योहार है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और लोग अपनी खुशियों का आनंद लेते हैं। बसंत ऋतु में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि संगीत, नृत्य और नाटक।
बसंत ऋतु सिर्फ़ रंगों और खुशियों का समय नहीं है, बल्कि यह नए शुरूआत का समय भी है। यह ऋतु हमें अपनी जीवन शैली में सुधार लाने, नई लक्ष्य निर्धारित करने और अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देती है। बसंत ऋतु प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है, जो हमें अपने आस-पास की सुंदरता को देखने और जीवन का आनंद लेने की प्रेरणा देता है।