सत्य हमेशा नहीं गिरता
सत्य एक ऐसा मूल्य है जिस पर मानव सभ्यता का आधार टिका है। यह न्याय, ईमानदारी और निष्पक्षता का प्रतीक है। यह एक ऐसा प्रकाश है जो अंधेरे को दूर करता है और जीवन को अर्थ प्रदान करता है। परंतु, सत्य हमेशा विजयी नहीं होता। अनेक बार ऐसा होता है कि सत्य दमित, कुचला और दबा दिया जाता है। सत्य की स्थापना के लिए अनेक लोगों को संघर्ष करना पड़ता है, और कई बार, सत्य की जीत के लिए बहुत समय लगता है।
इसकी कई वजहें हैं। पहली वजह है कि सत्य हमेशा लोकप्रिय नहीं होता। लोग अक्सर झूठ को सच से ज़्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि झूठ उन्हें तत्काल संतुष्टि दे सकता है। दूसरी वजह है कि सत्य के लिए लड़ना मुश्किल होता है। अक्सर सत्य की रक्षा करने वालों को दंडित किया जाता है, उनकी आलोचना की जाती है, और उनका अपमान किया जाता है। तीसरी वजह है कि सत्य के खिलाफ ताकतवर शक्तियां काम करती हैं। ये शक्तियां सत्ता, धन या प्रभाव का उपयोग करके सत्य को दबाना चाहती हैं।
परंतु, यहाँ यह कहना ज़रूरी है कि सत्य अमर है। यह शाश्वत है, यह विजयी होता है, यद्यपि इसमें समय लग सकता है। सत्य का बीज छिपा रहता है, परंतु वह एक दिन अवश्य फूटता है। सत्य का प्रकाश किसी भी अंधेरे को चीर सकता है। अंततः, सत्य को स्वीकार किया जाता है और न्याय की जीत होती है।
सत्य के लिए लड़ना ज़रूरी है। सबको सत्य की रक्षा करनी चाहिए, चाहे कितनी भी कठिनाई आए। हमें झूठ को नहीं स्वीकार करना चाहिए, और सत्य के लिए खड़े रहना चाहिए। क्योंकि, सत्य हमेशा नहीं गिरता, सत्य की विजय अवश्य होती है।