एयर कंडीशनिंग कैसे काम करता है?
1. रेफ्रिजरेंट: एयर कंडीशनिंग सिस्टम एक विशेष प्रकार के तरल का उपयोग करता है जिसे रेफ्रिजरेंट कहते हैं। रेफ्रिजरेंट में एक ऐसा गुण होता है कि यह आसानी से गैस में बदल जाता है और गर्मी को सोख लेता है, फिर वापस तरल अवस्था में बदल जाता है और गर्मी को छोड़ देता है।
2. कंप्रेसर: कंप्रेसर रेफ्रिजरेंट को संपीड़ित करता है, जिससे इसका तापमान बढ़ जाता है।
3. कंडेनसर: संपीड़ित और गरम रेफ्रिजरेंट को एक कंडेनसर से गुजारा जाता है, जो एक प्रकार का हीट एक्सचेंजर है। यहां, रेफ्रिजरेंट की गर्मी बाहर निकल जाती है और हवा में छोड़ी जाती है।
4. एक्सपेंशन वाल्व: कंडेनसर से गुजरने के बाद, रेफ्रिजरेंट का तापमान कम हो जाता है और यह तरल अवस्था में वापस आ जाता है। फिर इसे एक एक्सपेंशन वाल्व से गुजारा जाता है, जहां इसका दबाव कम हो जाता है।
5. एवापोरेटर: कम दबाव वाला रेफ्रिजरेंट एक एवापोरेटर से गुजारा जाता है, जो एक और हीट एक्सचेंजर है। यहां, रेफ्रिजरेंट आसानी से गैस में बदल जाता है और कमरे की हवा से गर्मी को सोख लेता है।
6. हवा का प्रवाह: एवापोरेटर से गुजरने वाली हवा अब ठंडी हो जाती है और कमरे में वापस प्रवाहित होती है।
7. चक्र दोहराना: यह प्रक्रिया तब तक दोहराती रहती है जब तक कि कमरे का तापमान वांछित तापमान पर नहीं आ जाता।
इस तरह, एयर कंडीशनिंग सिस्टम कमरे या जगह से गर्मी को बाहर निकालकर उसे ठंडा करता है।