लोकसभा और राज्यसभा में अंतर (Difference between Lok Sabha and Rajya Sabha in Hindi)
लोकसभा और राज्यसभा भारत की संसद के दो सदन हैं। इन दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं:
1. गठन (Formation):
* लोकसभा: प्रत्यक्ष चुनावों द्वारा जनता द्वारा निर्वाचित सदस्यों से बनाई जाती है।
* राज्यसभा: प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से विधानसभाओं द्वारा चुने गए सदस्यों और राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 सदस्यों से बनाई जाती है।
2. सदस्यों की संख्या (Number of Members):
* लोकसभा: अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं (543 निर्वाचित और 9 मनोनीत)।
* राज्यसभा: अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं (238 निर्वाचित और 12 मनोनीत)।
3. कार्यकाल (Term):
* लोकसभा: 5 साल का कार्यकाल।
* राज्यसभा: 6 साल का कार्यकाल। हालांकि, हर दो साल में 1/3 सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
4. शक्तियाँ (Powers):
* लोकसभा: सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाती है। धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश हो सकते हैं।
* राज्यसभा: विधेयकों को मंजूरी या अस्वीकृति कर सकती है।
5. महत्व (Importance):
* लोकसभा: जनता के प्रतिनिधित्व और सरकार के प्रति जवाबदेही की भूमिका निभाती है।
* राज्यसभा: राज्यों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है और संसद में स्थायीत्व और विचार-मंथन लाने में मदद करती है।
सारांश (Summary):
लोकसभा जनता का प्रतिनिधित्व करती है और सरकार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाती है, जबकि राज्यसभा राज्यों और विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और विधेयकों पर विचार-मंथन करती है। दोनों सदन भारत की संसद के महत्वपूर्ण अंग हैं जो एक-दूसरे के पूरक हैं।