मेरी माँ - एक अनमोल रत्न
माँ! यह शब्द ही जीवन का एक अनमोल रत्न है, जो अपने अस्तित्व में ही प्रेम, स्नेह, और त्याग की खुशबू बिखेरता है। मेरी माँ, मेरे लिए बस एक माँ नहीं, बल्कि एक सच्ची सहेली, एक मार्गदर्शिका, एक प्रेरणा स्रोत हैं।
अपने जीवन के हर पल में उन्होंने मुझे अपनी ममता से सराबोर किया है। बचपन में, उनकी गोद ही मेरा सबसे सुरक्षित ठिकाना थी। उनके कोमल हाथों से मुझे लुलहाने वाले गीत, उनकी मधुर आवाज़ से सुनाए जाने वाले कहानियाँ, इन सबने मेरे बचपन को सपनों से भर दिया।
जब मैं बड़ा हुआ, तो उन्होंने हमेशा मेरी शिक्षा और भविष्य का ख्याल रखा। मेरी हर सफलता में उनकी खुशी दिखती है, और हर असफलता पर वो मुझे प्रोत्साहित करती हैं। वे मेरी कमज़ोरियों को भी अपना प्यार समझती हैं, और मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
माँ का त्याग तो अद्भुत है। अपने सपनों को पीछे छोड़कर, उन्होंने मेरी हर इच्छा पूरी करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उनका प्रेम, उनकी देखभाल, उनकी चिंता, यह सब मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है।
आज मैं जो कुछ भी हूँ, यह सब मेरी माँ के सिखाए हुए संस्कारों और उनके असीम प्रेम का नतीजा है। उनका प्रेम मेरे जीवन का आधार है, जो मुझे जीवन के हर पल में आगे बढ़ने का साहस देता है।
मेरी माँ के लिए मेरे शब्द कम हैं। मैं उनका ऋणी हूँ, जिन्होंने मुझे जीवन का सबसे अमूल्य उपहार दिया - प्रेम और ममता। वे मेरा जीवन हैं, मेरा सब कुछ हैं।