Definition:
अतिशयोक्ति अलंकार एक ऐसा अलंकार है जिसमें किसी वस्तु, गुण या भाव की अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर व्याख्या की जाती है। यह अलंकार अत्यधिकता (exaggeration) के माध्यम से भावों को प्रबल करने का काम करता है।
Characteristics:
* अत्यधिकता: किसी वस्तु, गुण या भाव की वास्तविकता से कहीं अधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुति।
* भावप्रबलता: अत्यधिकता के माध्यम से भावों को और अधिक प्रभावशाली बनाना।
* शब्दों का प्रयोग: "जैसे", "जैसे", "सा", "और" आदि शब्दों का प्रयोग अत्यधिकता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
Examples:
* "सूर्य जैसे तेज है।" (सूर्य वास्तव में इतना तेज नहीं है, लेकिन इस वाक्य में उसकी तेजस्विता को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।)
* "उसके आँसू सागर जैसे बह रहे थे।" (आँसू वास्तव में सागर जैसी मात्रा में नहीं बहते, लेकिन यह अलंकार उनकी प्रचुरता को दर्शाता है।)
Types:
* वर्णनात्मक अतिशयोक्ति: किसी वस्तु या गुण का वर्णन अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता है।
* भावनात्मक अतिशयोक्ति: भावनाओं को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है।
* कार्यवाचक अतिशयोक्ति: किसी कार्य को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है।
Conclusion:
अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग साहित्य में भावों को प्रभावशाली बनाने और रचना को अधिक आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अलंकार है जो रचना में भावनात्मक गहराई और दृश्यात्मक प्रभाव प्रदान करता है।